Friday, December 20, 2019

FORBES LIST 2019: विराट कोहली क्रिकेटर्स ही नहीं, एक्टर्स पर भी पड़े भारी

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली कमाई और लोकप्रियता के मामले में सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा जैसे क्रिकेटरों पर ही नहीं, बल्कि सलमान ख़ान, शाहरुख़ ख़ान और अक्षय कुमार जैसे फ़िल्मी सितारों पर भी भारी पड़े हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

फ़ोर्ब्स मैगज़ीन ने भारत की 100 हस्तियों की सूची प्रकाशित की है, जिसमें विराट कोहली पहले नंबर पर हैं. पिछले तीन साल से इस सूची में सलमान ख़ान पहले नंबर पर चल रहे थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

यही नहीं पहली बार कोई खिलाड़ी फ़ोर्ब्स की इस लिस्ट में पहली पायदान पर पहुँचने में कामयाब रहा है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

मैगज़ीन का कहना है कि सूची को पेशे और विज्ञापनों से हुई कमाई और उनकी लोकप्रियता के आधार पर तैयार किया जाता है. 2019 की सूची पहली अक्टूबर, 2018 से 30 सितंबर, 2019 के बीच हुई कमाई और प्रसिद्धि के आकलन के आधार पर तैयार की गई है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

31 साल के कोहली की कमाई 252 करोड़ 72 लाख रुपये बताई गई है. मैगज़ीन का कहना है कि कोहली की इस कमाई में मैच फ़ीस, बीसीसीआई सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट, ब्रैंड एंबेसडर की आय शामिल है. इसके अलावा बताया गया है कि कोहली इंस्टाग्राम की प्रत्येक प्रायोजित पोस्ट के लिए करोड़ रुपये तक की फ़ीस लेते हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

करोड़ रुपये रही. लेकिन ज्यादा कमाई के बावजूद लोकप्रियता के मामले में विराट से कमतर रह जाने के कारण अक्षय दूसरे स्थान पर खिसक गए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

229.25 करोड़ रुपये की कमाई के साथ सलमान ख़ान इस बार तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं. अमिताभ बच्चन और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी चौथे और पांचवें स्थान पर हैं. अमिताभ की कमाई 239.25 करोड़ रुपये रही, जबकि धोनी की 135.93 करोड़ रुपये.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

छठे और सातवें स्थान पर शाहरुख खान और रणवीर सिंह हैं. शाहरुख़ की कमाई 124.38 करोड़ रुपये बताई गई है, जबकि रणवीर सिंह की आय 118.2 करोड़ रुपये रही.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

शीर्ष 10 हस्तियों में दो महिलाएं हैं. इसमें 59.21 करोड़ रुपये की कमाई के साथ आलिया भट्ट आठवें और 48 करोड़ रुपये के साथ दीपिका पादुकोण 10वें स्थान पर हैं. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर 76.96 करोड़ रुपये की कमाई के साथ नौवीं पायदान पर हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अन्य क्रिकेटरों में रोहित शर्मा ने इस साल 54.29 करोड़ रुपये कमाए और वो 11वें स्थान पर आ गए. रिषभ पंत 29.19 करोड़ रुपये की कमाई के साथ 30वें स्थान पर हैं. पंत पिछले साल टॉप 100 में शामिल नहीं थे. हार्दिक पंड्या (24.87 करोड़ रुपये) के साथ 31वें, जसप्रीत बुमराह 23.25 करोड़ रुपये के साथ 33वें स्थान पर हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

विश्व विजेता बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु हैं इस लिस्ट में फिसली हैं. 2018 में सिंधु 20वें क्रम पर थीं लेकिन इस साल वह 21.05 करोड़ रुपये के साथ 63वें स्थान पर खिसक गई हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसी तरह साइना नेहवाल बीते साल 58वें स्थान पर थीं लेकिन इस साल वह 81वें स्थान पर खिसक गई हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

साइना की कमाई तीन करोड़ रुपये रही है. भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री इस साल 6.1 करोड़ रुपये के साथ 85वें स्थान पर हैं. छेत्री पिछले साल शीर्ष 100 हस्तियों की सूची में शामिल नहीं थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

मेरी कॉम और मिताली राज भी
इसके बाद छह बार की विश्व चैम्पियन महिला मुक्केबाज एमसी मेरी कॉम 3.9 करोड़ रुपये के साथ 87वें, भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज 2.63 करोड़ रुपये के साथ 88वें और स्मृति मंधाना 2.85 करोड़ रुपये के साथ 90वें स्थान पर हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की एक अन्य स्टार हरमनप्रीत कौर 2.12 करोड़ रुपये के साथ 91वें स्थान पर हैं. इस सूची में इस साल पहलवान बजरंग पूनिया शामिल किए गए हैं. बजरंग 2.4 करोड़ रुपये के साथ 94वें स्थान पर हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

गोल्फ़र अनिर्बाण लाहिरी 5.3 करोड़ रुपये के साथ 95वें स्थान पर हैं. लाहिरी बीते साल 81वें स्थान पर थे. सबसे अधिक आय करने वाले टॉप-100 भारतीय स्पोर्ट्स सिलेब्रिटीज की सूची में सबसे नीचे 98वें स्थान पर टेनिस स्टार रोहन बोपन्ना हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

शेफ़ भी शामिल
मैगज़ीन के मुताबिक पहली बार सेलिब्रेटी शेफ़ रणवीर बरार और विकास खन्ना को भी शीर्ष 100 की लिस्ट में जगह मिली है. मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

Thursday, December 5, 2019

पश्चिम बंगालः राज्यपाल जगदीप धनखड़ को विधानसभा में घुसने से रोका

अभूतपूर्व और न भूतो न भविष्यति. गुरुवार सुबह को पश्चिम बंगाल विधानसभा के सामने जो नाटक हुआ उसकी व्याख्या इन दो शब्दों में ही की जा सकती है.

कुछ विधेयकों को राज्यपाल का अनुमोदन नहीं मिलने और इस वजह से विधानसभा का शीतकालीन अधिवेशन दो दिनों के लिए स्थगित होने के विवाद के बीच गुरुवार को विधानसभा के सामने जो कुछ हुआ, देश के संसदीय इतिहास में उसकी शायद ही कोई दूसरी मिसाल मिले.

राज्यपाल जगदीप धनखड़ को पहले से सूचना के बावजूद विधानसभा परिसर में घुसने से रोक दिया गया.

वहां, उनके स्वागत के लिए न तो विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी मौजूद थे और न ही दूसरा कोई अधिकारी. बाद में राज्यपाल सामान्य गेट से पैदल ही भीतर घुसे.

विधानसभा में पुस्तकालय का दौरा करने के बाद बाहर निकले राज्यपाल ने पत्रकारो से बातचीत में इस घटना को संविधान और लोकतंत्र के लिए बेहद शर्मनाक करार दिया.

धनखड़ ने कहा कि उन्होंने बुधवार को ही विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा में आने की सूचना दे दी थी.

विधानसभा सचिव ने राजभवन के विशेष सचिव को फोन कर राज्यपाल को सपत्नीक दोपहर के भोज का न्योता भी दिया था.

लेकिन घंटे भर बाद ही उनको आने से मना कर दिया गया.

बावजूद इसके सुबह साढ़े दस बजे राज्यपाल का काफ़िला जब विधानसभा पहुंचा तो उनके लिए तय गेट नंबर तीन पर मोटा ताला जड़ा था.

बंद गेट के सामने कुछ देर तक इंतज़ार करने के बाद राज्यपाल पैदल ही सामान्य गेट से भीतर गए.

बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और राज्य सरकार की जम कर खिंचाई की.

इससे पहले बुधवार को कलकत्ता विश्वविद्यालय की सीनेट की पहली बैठक में जाने पर वाइस-चांसलर और रजिस्ट्रार समेत तमाम अधिकारी ग़ैर-हाजिर रहे थे.

धनखड़ ने बुधवार को भी सरकार और विश्वविद्यालय प्रबंधन को खरी-खोटी सुनाई थी.

तृणमूल कांग्रेस की ओर से विधानसभा की कार्रवाई अचानक स्थगित होने का आरोप लगाए जाने के बाद धनखड़ ने बुधवार को कहा था, "मैं न तो वह रबर स्टांप हूं और न ही पोस्ट ऑफिस."

उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा, "राज्यपाल के तौर पर मैं संविधान का पालन करता हूं और आंख बंदकर के फ़ैसले नहीं ले सकता."

राज्यपाल का कहना था कि वे संविधान के मुताबिक़ विधेयकों की जांच करने और बिना देरी के काम करने के लिए बाध्य हैं. इस मामले में सरकार की ओर से देर से हुई है.

जनता दल के टिकट पर वर्ष 1989 से 1991 के बीच राजस्थान के झुंझनू से सांसद रहे धनखड़ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील रह चुके हैं. वे केंद्र में मंत्री भी रहे हैं.

राजस्थान हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष धनखड़ वर्ष 1993 से 1998 तक राजस्थान के ही किशनगढ़ से विधायक रहे हैं.

लगभग चार महीने पहले बंगाल के राज्यपाल के तौर पर कार्यभार संभलाने वाले धनखड़ ने इस दौरान जितनी सुर्खियां बटोरी हैं उतनी शायद उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक करियर में नहीं बटोरी होंगी.

बीते साढ़े तीन महीनों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता है जब राज्यपाल और सरकार या सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच विवाद नही हुआ हो.

बीते महीने संविधान दिवस के मौक़े पर विधानसभा में अपने भाषण के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की सराहना की थी.

राज्यपाल ने अपने भाषण में संवैधानिक प्रमुख पद की गरिमा कम करने के लिए सरकार को आड़े हाथों लिया था.

वहीं, ममता ने अपना भाषण उस समय शुरू किया जब राज्यपाल अपना भाषण ख़त्म कर सदन से निकल गए थे.

राज्यपाल और ममता ने वहां अभिवादन तो दूर, एक-दूसरे से आंख तक नहीं मिलाई थी.

राज्यपाल और सरकार के बीच टकराव की शुरुआत उस समय हुई थी जब पुलिस के साथ झड़प में उत्तर 24-परगना जिले के बैरकपुर में बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह के घायल होने के बाद दिल्ली दौर पर गए राज्यपाल बीच में ही यहां लौटे थे.

अस्पताल में सांसद से मुलाक़ात के बाद पहली बार उन्होंने राज्य में क़ानून और व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया था.

विभिन्न ज़िलों का दौरा कर प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाने के मुद्दे पर भी सरकार और राजभवन में ठनी रही.

राज्यपाल के दौरों के लिए सरकार ने हेलिकॉप्टर मुहैया नहीं कराया था. राजभवन की ओर से जारी बयानों में इसकी भी आलोचना की गई थी.

जादवपुर विश्वविद्यालय में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के वामपंथी छात्र संगठनों की ओर से घेराव और उसके बाद उनको बचाने के लिए राज्यपाल के मौक़े पर जाने के बाद यह टकराव तेज़ हो गया था.

राज्यपाल ने इस घटना को राज्य में क़ानून और व्यवस्था की स्थिति का गंभीर प्रतिबिम्ब बताया था.

दुर्गापूजा के मौक़े पर एक कार्यक्रम में राज्यपाल ने किसी का नाम लिए बिना कहा था, "लोगों को लक्ष्मण रेखा पार किए बिना अपनी ड्यूटी करनी चाहिए. मैं कभी लक्ष्मणरेखा पार नहीं करूंगा. लेकिन आप सबको भी इसका ख़्याल रखना चाहिए."